hindi kahani story
मिलता हैं। कमलेश्वर की ‘राजा निरबंसिया', 'मुर्दों की
बूढ़े माता पिता का सम्मान दिल को छूने वाली कहानी
कहानियाँ हमें परम्परा से प्राप्त हुई, इनमें अतिसंख्य कहानियाँ कल्पना पर आधारित होती हैं, लेकिन कहीं-कहीं
का प्रभाव परिलक्षित होता है। प्रसाद जी ने आधिकांश ऐतिहासिक कहानियाँ लिखी हैं, जिनकी भाषा
बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक़ से धुनते हुए, इक्के वाले कभी चंद्रधर शर्मा गुलेरी
‘वापसी', 'मछलियाँ', 'गीत का चुम्बन, भीष्म साहनी की 'चीफ की दावत', 'खून का रिश्ता', रघुवीर सहाय की
लंगड़ा राक्षस भाग १ राजा विजयकेतु सच्चा प्रजापालक था। उसके राज्य में पूर्णरूप से सुख-समृद्धि का निवास था। उसके इस यश और वैभव को देखकर उसके पड़ोसी राजा ईर्ष्या किया करते थे। एक बार राजा अपनी नवोढ़ा ...
इन्होंने भी प्रेमचन्द की भाँति अनेक घटना प्रधान कहानियाँ लिखी, इनकी इन कहानियों
और मूल्यों को त्यागना तथा नवीन मूल्यों की खोज करना आधुनिकता है। आधुनिकता का यह
को कर देते है। लेकिन वर्तमान की कहानियों के पात्र अपने समय और परिस्थितियों के
ब्राह्मणी और तिल के बीज : पंचतंत्र की कहानी
सबेरे का वक़्त है। गंगा-स्नान के प्रेमी अकेले और दुकेले चार-चार छ-छ के गुच्छों में गंगा-तट से लौटकर दशाश्वमेध के तरकारीवालों और मेवाफ़रोशों से उलझ रहे हैं, मोल-तोल कर रहे हैं। दूकानें सब दुलहिनों की तरह सजी-बजी खड़ी हैं। कहीं चायवाला चाय के शौक़ीनों अमृत राय
अभावग्रस्त जीवन- संकटों का मार्मिक अंकन वाली इनकी कहानियाँ कथा - शिल्प की
खटमल औत बेचारी जूं : पंचतंत्र की कहानी